-संजीव चौहान-
आश्रम से आडंबर तक
रामपाल का अतीत
हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के गांव रिठाना में जन्मा था। सिंचाई विभाग में कनिष्ठ-अभियंता (जूनियर इंजीनियर) था। अनियमितताओं के चलते नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद रामपाल को 'बाबा' बनने की खुराफात सूझी। सन् 1999 के आसपास रोहतक जिलांतर्गत करौंथा में जोड़-तोड़ से रामपाल ने सबसे पहले एक महिला से जमीन का जुगाड़ किया। उसी जमीन पर रामपाल आश्रम की आड़ में लोगों को
बेवकूफ बनाने की "दुकान" खोलकर जम गया। कुछ ही दिनों में रामपाल इलाके के जनमानस में खुद को "स्वंय-भू भगवान" के रुप में स्थापित करने लगा। यह बात समाज के कुछ प्रबुद्ध नागरिकों को नागवार गुजरी। रामपाल और उसकी कथित मंशा का विरोध होने लगा।
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आश्रम से आडंबर तक
रामपाल का अतीत
हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के गांव रिठाना में जन्मा था। सिंचाई विभाग में कनिष्ठ-अभियंता (जूनियर इंजीनियर) था। अनियमितताओं के चलते नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद रामपाल को 'बाबा' बनने की खुराफात सूझी। सन् 1999 के आसपास रोहतक जिलांतर्गत करौंथा में जोड़-तोड़ से रामपाल ने सबसे पहले एक महिला से जमीन का जुगाड़ किया। उसी जमीन पर रामपाल आश्रम की आड़ में लोगों को
बेवकूफ बनाने की "दुकान" खोलकर जम गया। कुछ ही दिनों में रामपाल इलाके के जनमानस में खुद को "स्वंय-भू भगवान" के रुप में स्थापित करने लगा। यह बात समाज के कुछ प्रबुद्ध नागरिकों को नागवार गुजरी। रामपाल और उसकी कथित मंशा का विरोध होने लगा।
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