जय हो! मीडिया के मठाधीशों की....
जी हां। करा-धरा किसी ने, और माफी मैं मांग रहा हूं। मिसेज बच्चन से। मिसेज बच्चन यानि ऐश्वर्या राय बच्चन। माफी इसलिए कि मैं मीडिया से जुड़ा हूं। और मिसेज बच्चन, मीडिया अपने दावों पर खरा नहीं उतर पाया है। देश के पूरे मीडिया ने आपसे वायदा ही नहीं किया, ईश्वर और आपको खुली चुनौती भी दी थी। इस बात की चुनौती कि ऐश्वर्या के संतान 11 नवंबर 2011 (11.11.11) को ही जन्म लेगी। हमपेशा (मीडिया) किसी एक भाई के दिमाग की उपज थी, कि ऐश्वर्या संतान को 11.11.11 को ही जन्म देंगी। बस पिल पड़े सब भाई एक भाई के पीछे। जिसके दिमाग में माल (खबर)बेचने का जितना भद्दा आइडिया आया। उसने उसी आइडिये के मुताबिक ऐश्वर्या तुम्हारी संतान का जन्म करा डाला। न्यूज-चैनलों ने बाकायदा आधे-आधे घंटे के "खास-बुलेटिन" और अखबार के कर्ता-धर्ताओं ने आधे-आधे पेज का मैटर "प्लांट" (प्लान) कर दिया।ये बात दूसरी है कि ऐश्वर्या जो काम तुम्हें करना था। वो तुमसे पहले हम-सबने (खबरनवीस) कर डाला। और तुम ऐसा न करके हमसे हार गईं। अपनी कोख में पल रही संतान को जन्म तुम्हें (ऐश्वर्या) दिलाना/ देना था। लेकिन ये काम कर बैठे तुमसे पहले हम। ब्रेकिंग, मसालेदार और गरम के चक्कर में । हमने तुम्हारे लिए अस्पताल और अस्पताल में वो "स्यूट" (कमरा) भी बुक करा दिया, जिसमें बच्चे को जन्म तुम्हें देना था। ये अलग बात कि उस रुम के बारे में तुम्हें, तुम्हारे पति अभिषेक, ससुर अमिताभ बच्च्न और सास जया बच्चन को भले ही नहीं मालूम।
देखिये अगर ये सब आपको या आपके अपनों को नहीं मालूम, तो इसके लिए भी आप सब खुद जिम्मेदार हैं। और ये आप सबकी लापरवाही का द्धोतक है। हमें (मीडिया) तुम्हारी और तुम्हारी होने वाली संतान की चिंता ज्यादा थी। इसलिए बिना वक्त गंवाये, अस्पताल से लेकर तुम्हारे बच्चा पैदा करने तक की तारीख तक हमने "फिक्स" कर दी। सिर्फ तुम्हारा सबसे बड़ा शुभ-चिंतक होने के नाते।
तुम्हारी संतान का आने वाले 100 साल तक का भविष्य भी हमने निकलवा लिया। उसके जन्म से पहले ही। चैनल की "टीआरपी" और अखबार की "पाठक-संख्या" बढ़ाने के लिए हमने क्या कुछ नहीं किया ऐश्रवर्या। देश का ऐसा कोई नामी-गिरामी ज्योतिषी, मौलवी नहीं बचा, जिससे दाम की दम पर हमने तुम्हारे बच्चे के रोम-रोम का 100 साल आगे तक का हाल पता न कर लिया हो। सबने तुम्हारी उस संतान का भविष्य उज्जवल ही बताया, जो भी हो ऐश्वर्या जी। हम देश के जिम्मेदार नागरिक हैं। हम बुद्धिजीवी हैं। हम जागरुक हैं। इसलिए अपने घर से पहले हमें दूसरे के घर की चिंता होती है। और इसीलिए हम प्राथमिकता पर तुम्हारे द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में सबसे पहले आ खड़े हुए थे। इंसानियत के नाते। लेकिन तुम्हें शायद ये भी मंजूर नहीं था। और इसीलिए तुमने हमारे बताये समय, दिन, तारीख पर संतान को जन्म नहीं दिया। कोई बात नहीं।
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बचाओ ऐसी बुद्धिजीविता से.. |
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शांत परिवार, अशांत माहौल |
अब 11.11.11 को तुमने बच्चा नहीं "जना", तो इसमें भी गलती तुम्हारी है। बताओ भला हम क्या कर सकते हैं? हमारी भला क्या गल्ती? जब हमने तुम्हारे लिए इतना सबकुछ इंतजाम कर दिया। तो कम से कम अब तुम्हें भी तो अपनी कुछ जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी। क्या तुम्हारा फर्ज नहीं बनता, कि हमारे तमाम इंतजामों की इज्जत रखने के लिए तुम....(ऐश्वर्या राय) 11.11.11 को ही बच्चे को जन्म दे देतीं। ये तो तुमने हमसे (मीडिया) कोई पुरानी दुश्मनी का हिसाब चुकता किया है। 11.11.11 को संतान का जन्म न कराकर।
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बताओ क्या करुं जागरुक मीडिया का? |
तुम्हारी इस संतान के मामले में जो कुछ या जैसे भी तुमने और तुम्हारे परिवार ने हमारे (मीडिया) करे-कराये पर पानी फेरा है। उसे हम खून का घूंट पीकर सहे ले रहे हैं। लेकिन अगली बार तुम हमारा साथ देने में, या फिर हमारे दावों की हवा इस तरह निकालने की भूल मत करना।
मिसेज बच्चन इस मौके पर मुझे दु:ख व्यक्त करना है, उन बद-किस्मत पतियों (हसबैंड्स) के प्रति, जिनकी पत्नियों ने हमारी खबरें पढ़-सुनकर, तुम्हारे चक्कर में 11.11.11 को ही अपनी संतान को "जबरन" पैदा कर डाला। जो आने वाले समय में "वे-वक्त" की औलाद या समय से पहले की ही औलाद समझी जायेगी। और इन संतानों के माता-पिता से तुम्हारे चक्कर में वसूल ली कई गुना धनराशि। असमय या समय से पहले ही (11.11.11के फेर में) संतान को जन्म दिलवाने के मेहनताने (फीस) के रुप में।
देश के जागरुक मीडिया की ओर से इस बार मुझे माफ कर दें। हम तुमसे अपने मन-मुताबिक तुम्हारी ही संतान का जन्म नहीं करा सके।
माफ करना मिसेज बच्चन। तुम्हारे देश का। तुम्हारा अपना।
एक बुद्धिजीवी पत्रकार,