धुंआं वहीं उठेगा, जहां आग लगी होगी!
गोपाल कांडा-सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या हुआ? |
-संजीव चौहान-
एमडीएलआर की पूर्व एअर होस्टेस और डायरेक्टर गीतिका शर्मा आत्म-हत्या
कांड में रोज नये तमाशे निकल कर सामने आ रहे हैं। अब क्राइम वॉरियर के हाथ
एमडीएलआर की वो मैगजीन लगी है, जिसमें गीतिका एअर होस्टेस के रुप में गोपाल कांडा
की “सेवा” करती दिखाई दे रही
हैं। हवाई जहाज में बैठे गोपाल कांडा को गीतिका जूस सर्व कर रही हैं। मुस्कराते
हुए। और कांडा भी बड़ी नशीली नज़रों से गीतिका की ओर निहार रहे हैं। दोनो की
नज़रों में अपनापन साफ झलक रहा है। गोपाल कांडा की बीबी सरस कांडा भी अब बता रही
है, कि गीतिका गोपाल कांडा की भांजी सी थी
। यानि गोपाल कांडा गीतिका के मुंहबोले “मामा” हुए।
। यानि गोपाल कांडा गीतिका के मुंहबोले “मामा” हुए।
अब सवाल ऐसे में यह जन्म लेता है, कि गोपाल कांडा जब मामा थे। या
गीतिका को अपनी भांजी मानते थे। तो फिर दुनिया छोड़ने से चंद लम्हे पहले ही ऐसा
कौन सा कर्म कांडा कर बैठे, कि वो अचानक ही “कंस” बन गये। दुनिया और गीतिका की नज़र में।
क्यों गीतिका ने दुनिया को अलविदा कह दिया...सुसाइड नोट में कांडा का नाम लिखकर?
क्यों गीतिका ने
सुसाइड नोट में लिखा कि गोपाल कांडा “बेशर्म” है? भला मामा (गोपाल कांडा) ने ऐसा गीतिका के साथ
क्या कर दिया, कि वो मरते-मरते उसे “बेशर्म” बता गयी?
इस सबके बाद भी कांडा की बीबी कह रही है, कि कांडा और गीतिका में
मामा-भांजी का रिश्ता था? अब यह तो गीतिका, गीतिका का परिवार और कांडा ही
भली भांति जानता होगा, कि कांडा और गीतिका में कौन सा रिश्ता था? अब जब गीतिका
आत्महत्या करके दुनिया से जा चुकी है, तो यह भी आसानी से नहीं पचने वाला, कि गीतिका
ने महज शौक में आत्महत्या कर ली होगी? आत्महत्या के लिए “हत्या” से बड़ा "कलेजा" चाहिए होता है।
हवाई जहाज में कांडा को जूस देती गीतिका शर्मा-खत्म हुई कहानी |
कुल मिलाकर इस फोटो को देखकर और अब तक जो कुछ सामने आया है। उससे तो
यही जाहिर होता है, कि गोपाल और गीतिका में जब तक सब कुछ मिल जुलकर चला, तब तक कोई
गड़बड़ नहीं हुई। जब बात बिगड़ी। और बातें बाहर निकलना शुरु हुईं, तो वे दूर तलक
गयीं। कांडा और गीतिका मामा भांजी थे, या फिर उनके बीच “सेक्स” और अपने-अपने निजी स्वार्थ भी घुसे हुए
थे? यह या
तो गीतिका जानती थी। जो अब इस दुनिया में नहीं है। या फिर गोपाल गोयल कांडा। जो
गीतिका की मौत का असल “राजदार” है। लेकिन इतना तय है, कि धुंआ वहीं उठेगा, जहां आग सुलगी होगी।
यहां इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए, कि गोपाल कांडा ने अपनी सेक्स की भूख मिटाने के लिए गीतिका को कहीं का नहीं छोड़ा। लेकिन गीतिका की अकाल मौत के लिए उसका अपना परिवार भी कम जिम्मेदार नहीं है। जब गोपाल कांडा की मेहरबानी (होंडा सिटी जैसी मंहगी कार, कीमती फ्लैट, मोटी पगार, एक साथ ट्रेनी से उठाकर कंपनी में डायरेक्टर की पोस्ट) 23 साल की उम्र में ही खूबसूरत गीतिका शर्मा पर बरस रही थी, तो गीतिका के मां-बाप आंखें मूंदकर क्यों बैठे रहे? तब उन्होंने कांडा से सवाल क्यों नहीं किया? क्यों वो बरसा रहा है, गीतिका पर इतना माल-असबाब। क्यों नहीं उसी वक्त रोक दिये थे, गीतिका के मां-बाप ने कांडा के पांव? कम-उम्र, न-समझ, मासूम, दीन-दुनिया से बे-खबर गीतिका थी, गीतिका के मां-बाप, कांडा और कांडा की पत्नी सरस कांडा नहीं।
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