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Thursday 6 November 2014

TRILOKPURI RIOTS पत्रकार का हमलावर विवेक विहार SHO निलंबित, जांच लंबित


नई दिल्ली, 6 नवंबर 2014

(क्राइम्स वॉरियर ब्यूरो)

दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त दीपक मिश्रा ने पूर्वी दिल्ली जिले के एक एसएचओ को निलंबित कर दिया है। निलंबित एसएचओ का नाम इंस्पेक्टर राकेश सांगवान है। राकेश सांगवान विवेक विहार थाने में तैनात था। राकेश सांगवान को नवभारत टाइम्स (एनबीटी) के संवाददाता राजेश सरोहा को पीटने के आरोप में निलंबित किया गया है।


घटनाक्रम के मुताबिक राजेश 28 अक्टूबर 2014 को पूर्वी दिल्ली के दंगाग्रस्त त्रिलोकपुरी इलाके की रिपोर्टिंग के लिए गये थे। एक रिपोर्टर द्वारा दंगों का सच बाहर लाने की यह कोशिश, इंस्पेक्टर राकेश सांगवान को नगवार गुजरी। सांंगवान और उसके कई मातहत लाठी-डंडे लेकर नभाटा के पत्रकार पर टूट पड़े। पिटते-पिटते भी पीड़ित पत्रकार वहशी पुलिस वालों को बताता रहा कि, उसे मत मारो वो बदमाश नहीं, रिपोर्टर है।

मातहत पुलिस इंस्पेक्टर की गुंडई की खबर मिलने पर, मौके पर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अजय कुमार मौके पर पहुंचे। घटना को गले की फांस बनता देख, आरोपी पुलिस वालों ने माफी मांग ली और मौके से रफा-दफा हो गये। डीसीपी अजय कुमार ने आरोपी इंस्पेक्टर और पुलिस वालों के खिलाफ कोई एक्शन मौके पर नहीं लिया।
 आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन न लेने वाले डीसीपी अजय कुमार

जब जिले के डीसीपी को ही मामले की लीपापोती करते देखा तो, दिल्ली के पत्रकारो ने पुलिस मुख्यालय में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर भीमसेन बस्सी (BS BASSI COMMISSIONER OF POLICE DELHI) का घेराव कर दिया। पुलिस कमिश्नर ने घटना की जांच का जिम्मा विशेष पुलिस आयुक्त दीपक मिश्रा ( DEEAK MISHRA SPECIAL POLICE COMMISSIONER DELHI POLICE) को सौंप दी। प्राथमिक जांच के बाद दीपक मिश्रा ने आरोपी और बबाली इंस्पेक्टर राकेश सांगवान को फिलहाल निलंबित करके, बाकी आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच लंबित कर दी है।

आगे की जांच जिन बिंदुओं पर की जानी है, उनमें प्रमुख हैं

घटना के बाद पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब कमिश्नर भीमसेन बस्सी- मामले की जांच होगी  
1- पत्रकार से मार पिटाई के आरोप में सस्पेंड विवेक विहार का एसएचओ इंस्पेक्टर राकेश सांगवान, तीन महीने पहले ही "लाइन-हाजिर" किया गया था। ऐसे में उसकी बहाली इतनी जल्दी कैसे हुई? बहाली होते ही उसे एसएचओ विवेक विहार किसकी सिफारिश पर बनाया गया। (गौरतलब है कि दिल्ली में थाने के एसएचओ की नियुक्ति पुलिस कमिश्नर ही करता है, ऐसे में पुलिस कमिश्नर की जबाबदेही बनेगी कि वो बतायें कि लाइन हाजिर किये गये इंस्पेैक्टर को उन्होंने बहाल होते ही किसी थाने का एसएचओ कैसे लगा दिया?)
2- पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले आरोपी इंस्पेक्टर और उसके मातहतों को मौके पर पहुंचे पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) अजय कुमार ने खुद ही क्यों सस्पेंड नहीं किया? क्या अजय कुमार और आरोपी गुंडा-टाइप एसएसओ के बीच कुछ घालमेल रहा!
3- विशेष पुलिस आयुक्त दीपक मिश्रा ने जब जांच की, और आरोपी इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया, तो फिर बाकी आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध तुरंत कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
4- अगर पत्रकार किसी पुलिस वाले को पीटता तो कानूनन पुलिस एफआईआर दर्ज करके जो पड़ताल करके मामले को कोर्ट में ले जाती, वैसे ही एफआईआर दर्ज करके आरोपी पुलिस कर्मियों को खिलाफ कानूनी एक्शन क्यों नहीं लिया गया? सिर्फ निलंबन तक ही क्यों?

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