-यादों की तस्वीर-
हमारी यादें हैं तस्वीरें
सबको अच्छी लगती हैं
साथ बैठकर देखें जब,
बिछड़ने के बाद तुम्हारे
देखूं तन्हाई में तस्वीरें
तुम्हारी जब भी कभी
तो आंख भर आती है
आंसू ज़मी पर कूद
कर लेते हैं खुदकुशी
तुमसे जुदा होने का
ग़म न सह पाने का
करके अक्सर बहाना
,मुझे बताओ खुद को
कैसे संभालूं मैं आज
तुम्हारी अनुपस्थिति में
देखते हुए एलबम उन
तस्वीरों की जो कभी
तुम्हारे साथ खिंचवाईं थीं
यह सोचकर कि तस्वीरें
कभी दगा नहीं देंगी
इंसान को इंसान की तरह......चौहान राजा
No comments:
Post a Comment