To subscribe Crime Warrior Channel on Youtube CLICK HERE

Friday 28 November 2014

डीडी की एंकराइन का फूहड़पन छोड़ो, इसे भर्ती करने वाले की तलाश में हूं



-संजीव चौहान-

गोवा में चल रहे 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल ऑफ इंडिया को कवर करने के लिए डीडी नेशनल की तरफ से सजा-धजाकर भेजी गयी महिला एंकर की काबिलियत भारत के गली-कूंचों में जाहिर हो चुकी है। इस बिचारी पर अब रहम खाओ। यू-ट्यूब से लेकर दुनिया भर की बेवसाइटों ने इसकी कथित काबिलियत जमाने भर को दिखा, सुना और पढ़वा दी है। इस बिचारी के पीछे पड़ने से भला क्या हासिल होने वाला है। जो थोड़ी-बहुत हिंदी- अंग्रेजी बोलनी सीखी थी। बिचारी सबका सब भाषा ज्ञान गोवा में चल रहे इस फेस्टीवल में ओक” (उल्टी कर आई) आई। लाइव एंकरिंग में कैसे हिलते-डुलते-मचलते हैं? कैसे कमर और पांव का हिला-डुलाकर संतुलन करते हैं। कैसे खींसें (दांत) निपोरते हैंकिस तरह पहने हुए कपड़ों का कलर-मैचिंग किया जाये...आदि-आदि...सब में मोहतरमा फिट्ट दिखाई दे रही हैं।

अगर कहीं कमी रह गयी इस हिंदी-अंग्रेजी की मिक्चर-महिला एंकरिन में तो बस अधकचरे ज्ञान की। वो हम नहीं कह रहे हैं। कैमरे पर बोलने से कहीं ज्यादा हिलती हुई दिखाई दे रही मोहतरमा ने खुद ही साबित कर दिया है, कि डीडी नेशनल जैसे सम्मानित सरकारी संस्थान को किस स्तर के काबिल एंकर और एंकरिनों की जरुरत है? जरुरत से ज्यादा स्मार्ट बनने के फेर में मोहतरमा ने, गवर्नर ऑफ इंडिया ही बक डाला। मैंने सुना सो सुना, जमाने से भी नहीं छिप सका। मोहतरमा ने साबित कर दिया कि बुद्धू बक्सा, वाकई में आखिर होता क्या बला है? मोहतरमा लाइव के समय जितने हाथ-पांव फेंक रही हैं, अगर उसका एक अंश भी ज्ञानार्जन करके लाइव के लिए खड़ी हुई होतीं, तो शायद इतिहास के पन्नों में आज मेरे इस लेख को दर्ज होने की जगह न मिल पाती। मोहतरमा ने कभी 45-48 डिग्री तापमान में दिन भर खड़े रहकर पहले कभी देश के गली-कूंचों में लाइव रिपोर्टिंग की होती, तो आज मोहतरमा को समर्पित मेरा यह लेख जमाने को पढ़ने को नसीब न हुआ होता।
मोहतरमा ने लाइव के दौरान गोवा फिल्म फेस्टीवल में जो करा-धरा, वो आने वाले भविष्य में उनके साथ-साथ चलेगा, रोयेगा, नाचेगा-गायेगा, चीखेगा-चिल्लायेगा। मतलब मीडिया की आने वाली तमाम पीढ़ियों तक किसी डरावने साये की मानिंद पीछा करेगा। छोड़िये इस सबसे मुझे कोई खास सरोकार नहीं होना चाहिए। मैडम की एंकरिंग और उनका करा-धरा उन्हें ही अर्पण करता हूं। उन्हें मुबारक हो। मैं क्यों बे-वजह खीझूं या यूं ही माथा-पच्ची करुं?

मुझे तो अब सिर्फ उसकी तलाश है, जिसने इन एंकराइन मैडम की एंकरिंग को सलाम ठोंककर इन्हें डीडी नेशनल में एंकरिंग करने की झंडाबरदारी सौंपी । मुझे तलाश है उस कथित उस्ताद की, जो डीडी नेशनल में इस तरह के एंकर/एंकरनियों की भर्ती पर ओके टेस्टिड की मुहर लगाता है। मुझे तलाश है उस न-मुराद सिफारिशी की, जिसने इन मैडम को डीडी नेशनल में एंकरिंग के लिए बायोडाटा भेजने के लिए प्रोत्साहित किया था। मुझे तलाश है, डीडी नेशनल के उस चैनल/कार्यक्रम मॉनिटरिंग प्रभारी की, जो अभी तक इन मैडम की कथित-काबिलियत का लेखा-जोखा आगे और उस्तादों तक नहीं सरका पाया है। अगर इनका यह वीडियो माननीय मोदी जी ने देख लिया होता, तो यह मैडम अब तक न मालूम कब की सिरे लग ली होतीं। सिर्फ इसी बिंदु पर कि यह गवर्नर ऑफ इंडिया नाम का जिन्न मोहतरमा की जुबान पर कहां से सवारी कर गया? भारतीय मीडिया की आने वाली पीढ़ियों तक की मिट्टी पलीत करने के लिए।

2 comments:

  1. हा हा हा हा हा क्या धोया है संजीव भाई...गज़ब !

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया कुमार पंकज जी शुक्रिया...आपने पढ़ा...क्राइम्स वॉरियर के लिए यही बहुत है...

      Delete