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जांच टीम प्रमुख मथुरा के पुलिस उपाधीक्षक अतुल सक्सेना ने फोन पर हुई बातचीत में "क्राइम्स वॉरियर"
https://www.youtube.com/user/CrimesWarrior को यह जानकारी दी। संकल्प और नंदिनी 7 साल की बेटी को भी साथ लेकर कूदे थे, लेकिन नसीब से वह झटके से दूर जा गिरी और ट्रेन की चपेट में आने से बच गयी। उसका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पुलिस उपाधीक्षक के मुताबिक प्रथम दृष्टया और सुसाइट नोट के मुताबिक सभी 38 लोगों को संकल्प और उनकी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस बनता है। इसीलिए सुसाइड नोट में उल्लिखित सभी नामों के खिलाफ नामजद एफआईआर हुई है। इस मामले में संकल्प के पिता श्री संतोष आनंद ने भी मथुरा पुलिस को शिकायत दी है।
उल्लेखनीय है कि, 18 अक्टूबर 2014 को दर्ज एफआईआर में यूपी के पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड्स) कमलेंद्र प्रसाद और महानिरीक्षक संदीप मित्तल का भी नाम शामिल है। कमलेंद्र प्रसाद जुलाई 2014 तक दिल्ली स्थित लोकनायक जय प्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमऩॉलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस का निदेशक रहा था। जबकि संदीप मित्तल यहीं पर उप-महानिरीक्षक (प्रशासन) के पद पर तैनात था।
इस मामले में एक पुलिस टीम दिल्ली उस कार्यालय में भी गयी, जहां संकल्प तैनात थे। संकल्प के कार्यालय और घटनास्थल का वीडियो देखने के लिए CHANNEL CRIMES WARRIOR का यह लिंक क्लिक करें...
http://youtu.be/tAb4fLU2ofY इस कार्यालय से यूपी पुलिस को संकल्प का कम्प्यूटर (हार्ड-डिस्क) और हैंड-राइटिंग के नमूने चाहिए थे। ताकि सुसाइड नोट और संकल्प की हस्तलेख का मिलान किया जा सके।
उधर इस सिलसिले में केंद्रीय गृह-मंत्रालय पहले ही राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांग चुका है। मामला चूंकि भ्रष्टाचार को लेकर जुडा़ है, ऐसे में केंद्र और मोदी की सरकार भी दूध का दूध और पानी का पानी हुआ देखना चाहती है, ताकि इस संस्थान में आइंदा कोई और इस तरह किसी को प्रताड़ित करने की हिमाकत/ जुर्रत न कर सके, ताकि फिर किसी संकल्प-नंदिता को इतनी दर्दनाक मौत गले लगाने को मजबूर होना पड़े।
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